आज दिल्ली में आखिर क्यों हो रहा किसान आंदोलन ? इस किसान आंदोलन में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग इकजुट होकर केंद्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
आइए जानें आखिर क्यों हो रहा किसान आंदोलन ?
जहां राहुल गांधी समेत विपक्ष के तमाम नेता इस बिल को काला कानून बता रहे हैं ।
दिल्ली और आसपास के कई रास्तों को बंद किया गया
किसान आंदोलन की बजह से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा
कृषि बिल पर किसानों ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है. दिल्ली सीमा पर किसान डटे हैं, पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली-नोएडा लिंक रोड बंद कर दिया है. हरियाणा से लगी दिल्ली की छोटे रास्तों पर आवाजाही बंद कर दी गई है जिससे आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज
किसान आंदोलन के मुख्य कारण:-
१. MSP का सिस्टम खत्म हो जाएगा। किसान अगर मंडियों के बाहर उपज बेचेंगे तो मंडियां खत्म हो जाएंगी।
२. ई-नाम जैसे सरकारी पोर्टल का क्या होगा?
३. कॉन्ट्रैक्ट या एग्रीमेंट करने से किसानों का पक्ष कमजोर होगा। वो कीमत तय नहीं कर पाएंगे।
४. छोटे किसान कैसे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करेंगे? विवाद की स्थिति में बड़ी कंपनियों को फायदा होगा।
५. बड़ी कंपनियां आवश्यक वस्तुओं का स्टोरेज करेगी। इससे कालाबाजारी बढ़ सकती है
क्या है केंद्र सरकार का जवाब?
१. MSP जारी रहेगी और मंडियां खत्म नहीं होंगी। नई व्यवस्था से किसानों को मंडी के साथ-साथ दूसरी जगहों पर भी फसल बेचने का विकल्प मिलेगा। मंडियों में ई-नाम ट्रेडिंग जारी रहेगी।
२. कॉन्ट्रैक्ट करना है या नहीं, इसमें किसान को पूरी आजादी रहेगी। किसान अपनी इच्छा से फ़सल का दाम तय कर सकेंगे। देश में फार्मर्स प्रोड्यूसर ग्रुप्स (FPO) बन रहे हैं। ये FPO छोटे किसानों को जोड़कर फसल को बाजार में सही कीमत दिलाने का काम करेंगे। विवाद की स्थिति में कोर्ट-कचहरी जाने की जरूरत नहीं होगी। स्थानीय स्तर पर ही विवाद निपटाया जाएगा।
३. किसान की फसल खराब होने की आंशका दूर होगी। वह आलू-प्याज जैसी फसलें बेफिक्र होकर उगा सकेगा। एक सीमा से ज्यादा कीमतें बढ़ने पर सरकार के पास उस पर काबू करने की शक्तियां तो रहेंगी ही। इंस्पेक्टर राज खत्म होगा और भ्रष्टाचार भी।
क्या कह रही है केंद्र सरकार?
अभी तक के वार्ता से लगता है केंद्र सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेने वाली।
सरकार का कहना है कि कानूनों का पास होना एक ऐतिहासिक फैसला है और इससे किसानों की जिंदगी बदल जाएगी।
केंद्रीय मंत्रियो का कहना है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा नहीं मिलने की बात गलत है
इन कानूनों को महत्वपूर्ण, क्रांतिकारी और किसानों के लिए फायदेमंद बताया है।
दूसरी ओर सरकार की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल ने इन कानूनों को लेकर चिंता जताई है। अकाली दल से सांसद और कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने इन कानूनों के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया । बाद में अकाली दल भी NDA से 22 साल बाद अलग हो गई।
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।।धन्यवाद।।
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